चलिए मैं आपको कुछ साल पीछे ले चलता हूँ - कुछ नहीं दरअसल ३ दशक पहले।
सन् १९७३, राज कपूर निर्देशित "बॉबी" फ़िल्म रिलीज़ हुई। इस फ़िल्म से जुडे कुछ तथ्य:
१) साल १९७३ की सबसे बड़ी हिट - "blockbuster"
२) १९७० के दशक की "शोले" के बाद दूसरी सबसे बड़ी हिट
३) आज तक की बड़ी हिट फिमों की सूची में दसवां स्थान
४) ऋषि कपूर और डिम्पल कपाडिया कि एक साथ पहली फ़िल्म जिसके तुरंत बाद डिम्पल कपाडिया ने राजेश खन्ना के साथ ब्याह रचा लिया था और वो वापिस आई १२ साल बाद फ़िल्म "सागर" में फिर से ऋषि कपूर के साथकहानी के बारे में तो क्या ही कहूँ, आप सबने देखी ही होगी - बड़ा ही रोमांटिक प्लॉट था जी, अब राज कपूर की फिल्मों में ख़ास तड़का तो होता ही था।
खैर, अब चलिए आपको अपने शहर के दर्शन करवा दूँ - रोहतक (दिल्ली के साथ लगता, बड़ा ही प्यारा सा शहर है)
उस समय रोहतक के कुछ मशहूर सिनेमाघरों में शामिल थे - बांगड़ और शीला टाकीज़।
यह फ़िल्म रिलीज़ हुई तो इसका प्रिंट दिल्ली के किसी भी सिनेमाघर में नहीं आया। लेकिन बांगड़ का मालिक इसके प्रिंट का जुगाड़ कर ही लाया कहीं से (आप रोहतक वालों को कम मत आंकिए, बहुत पहुँची हुई चीज़ हैं) जैसे ही शीला के मालिक को पता चला कि बांगड़ के पास "बॉबी" का प्रिंट है, उसने दिमाग से काम लिया और उसने बांगड़ के मालिक के साथ एक लाख रूपये का का सौदा किया। आप समझ सकते हैं कि उस समय एक लाख रूपये कि क्या कीमत थी, एक लाख रूपये का मतलब था एक पाँच मंजिला कोठी।
बस एक लाख रूपये का नाम सुनते ही बांगड़ वाले कि जीभ लपलपाने लगी और उसने "बॉबी" का प्रिंट शीला वाले को एक लाख में बेच दिया।
बस फिर क्या था, शीला वाले का कारोबार चल पड़ा, चांदी हो गई - टिकेट खिड़की पर लम्बी लम्बी लाइनें, एक महीना अडवांस बुकिंग, शीला बाई-पास चौंक पर ट्रैफिक जाम लगने लगे, दिल्ली से लोग रोहतक आते थे इस फ़िल्म को देखने के लिए, लगभग पूरा एक साल हाउस-फुल। उस समय फ़िल्म कि टिकेट मात्र १.५-२ रूपये कि होती थी। इस फ़िल्म की धूम का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि इसकी टिकटें ६०० रूपये तक ब्लैक कि गई थीं (२ रूपये की टिकेट ६०० रूपये में !!!)
शीला के मालिक ने अपने पैसे कई गुना कर लिए थे और उधर बांगड़ वाला सिर पीट पीट कर रो रहा था।
वैसे मुझे हैरत इस बात कि है कि रोहतक जैसे शहर में जहाँ धर्मेन्द्र, सन्नी देओल और सलमान खान की फिल्मों को ही ज़्यादा पसंद किया जाता है, वहाँ इतनी रोमांटिक फ़िल्म इतनी धूम कैसे मचा दी। शायद दिल्ली वालों की वजह से? वैसे दिल्ली के करीब होने के बहुत फायदे हैं मेरे रोहतक को! :)
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on Thursday, June 12, 2008
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